बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल तेज होती दिख रही है। 2024 की सियासी जंग से पहले एक बार फिर नए समीकरण की आहट सुनी जा रही है। हालांकि नीतीश कुमार खुद भी कह चुके हैं कि अब भाजपा के साथ जाने का कोई सवाल नहीं पैदा होता मगर नीतीश कुमार पहले भी बयान देने के बाद पलटी मारते रहे हैं। ऐसे में उन्हें लेकर नई कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। हाल के दिनों में उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ टेलीफोन पर बातचीत भी हुई है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जन्मदिन पर ट्वीट करके उन्हें बधाई दी थी। राजनेताओं की ओर से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने का दबाव भी नीतीश कुमार को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में बिहार की सियासत में इन दिनों नीतीश कुमार के फिर भाजपा के साथ जाने की बात कर कही जाने लगी है।बिहार की सियासत का काफी रोचक इतिहास रहा है। नीतीश कुमार के कई बार पाला बदलने के कारण उन्हें पलटू राम भी कहा जाता है। पिछले साल उन्होंने एनडीए छोड़कर राजद से हाथ मिला लिया था। ऐसे में उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी भी बच गई थी। बाद में वे कई मौकों पर भाजपा के साथ आगे चलकर कोई गठबंधन न करने की बात कहते रहे हैं।
जदयू से इस्तीफा देने वाले उपेंद्र कुशवाहा की ओर से घेरे जाने के बाद भी नीतीश कुमार ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा खुद भाजपा के संपर्क में हैं और मेरे भाजपा के साथ हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता।