दिल्ली के कंझावला कांड की जब भी बात होती है तो सुनकर पैरों तले जमीन खिसक जाती है। दिल्ली की एक युवा लड़की का कार के नीचे फंसा शरीर बड़ी बेरहमी से सड़कों पर घसीटा जा रहा था। सुल्तानपुरी से कंझावला के बीच की तकरीबन 13 किलोमीटर की दूरी काफी थी कार के नीचे फंसे जिस्म को रेशा-रेशा कर उधेड़ देने के लिये। वही हुआ भी।
इस घटना ने इसानियत पर सवाल तो उठाए ही हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस की भी लापरवाही सामने आई है। इस बीच कंझावला कांड के बाद यूपी के आगरा, नोएडा, बांदा और एमपी के जबलपुर में भी ऐसा ही मामला देखने को मिला है।
दिल्ली के कंझावला कांड में अंजली नाम की एक लड़की जो स्कूटी पर सवार होकर अपने घर जा रही थी जिसको नए साल पर देर रात बेलेनो कार में सवार 5 युवकों ने रौंद दिया। युवकों की गाड़ी द्वारा रौंदे जाने के बाद युवती कार के नीचे ही फंस गई, जिसके बाद सवार युवक उसे 11 किमी तक सुल्तानपुरी से बेगमपुर के रास्ते कंझावला तक घसीटते ही ले गए जिससे उस लड़की की दर्दनाक मौत हो गई। लगभग 11 किमी तक घसीटने के बाद युवकों ने लड़की के शव को कंझावला की सड़क पर छोड़कर फरार हो गये जिसके बाद लड़की का शव कंकाल बन चुका था। अंजली के शरीर पर कोई कपड़ा तक नहीं बचा था, उसके कई अंग क्षत विक्षत हो गए थे। इस घटना के सामने आने के बाद पांचों युवकों को हिसारत में ले लिया गया। हालांकि, ऐसी घटना के बाद दिल्ली पुलिस भी कठघरे के घेरे में है।
दिल्ली के कंझावला कांड जैसी घटना यूपी के नोएडा में भी नए साल के पहले दिन देखने को मिली थी। यहां फेज वन कोतवाली क्षेत्र में सेक्टर-14 फ्लाईओवर के पास एक कार से लड़के की टक्कर होने से मौत हो गई। जानबीन के दौरान मामले में डिलीवरी ब्वाय कौशल यादव का शव लहूलुहान मिला था। उसके भाई का आरोप है कि कार सवार ने शव को फ्लाइओवर से शनि मंदिर तक घसीटा और फिर छोड़ दिया। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।